पुरातन ज्ञान। ये धर्म, इतिहास, संस्कृति, और लोक जीवन का समग्र परिचय देने वाले ग्रंथ हैं। महर्षि वेदव्यास ने 18 प्रमुख पुराणों की रचना की, जिन्हें पंचम वेद कहा जाता है।
- सर्ग – सृष्टि की रचना
- प्रति-सर्ग – सृष्टि का पुनर्निर्माण
- वंश – देवताओं और ऋषियों के वंश
- मन्वंतर – मनुओं के काल
- वंशानुचरितम् – राजाओं और महापुरुषों की कथाएँ
पुराणों का उद्देश्य वेदों के गूढ़ ज्ञान को कथा के रूप में सामान्य जन तक पहुँचाना है, जिससे धर्म, भक्ति और जीवन मूल्यों का प्रचार हो।
पुराण सरल भाषा में होते हैं और इनमें कथा, उपदेश, इतिहास, ज्योतिष, नीति, और भक्ति का सुंदर समन्वय होता है।